Monday, March 31, 2008

Shayari - 24

खाली तेरी ज़ुल्फोसे पूछा केवो बदल है या बरहा
खुली तेरी नज़र से पूछा केवो जागे है या सोये
कह्गयेवो मुजे, थुजे कुः ख़बर चाहिये हमारी
क्या थुजे कमदंधा नहिहैं क्या, पिचेपडे तुम हमारी!

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