पिगल्थिहुई बरफ्की एक, है येः कहानी
मथ पुछो मेरे दिलसे दिल्किरवानी
हवा बन्के आई ये रुथु जवानी
शमा जालाके गई, ये बारिशक पानी
मथ पुछो मेरे दिलसे दिल्किरवानी
घवा बनके ठ्हरी ये पत्थर दीवानी
उसे क्या पता येथोहै मेरि जिन्दगानी
मथ पुछो मेरे दिलसे दिल्किरवानी
बादल भी जलके सुके मेरि दिल्लागनी
भारिश वोबरसे क्या ये आसू या पानी
पिगल्थिहुई बरफ्की एक, है येः कहानी
मथ पुछो मेरे दिलसे दिल्किरवानी
Wednesday, October 15, 2008
Wednesday, September 10, 2008
Shayari - 30
आचल में मोथि तेरे होटोपे अंगार
अखोमे चाहत तेरे नज़रोमे इकरार
कुशनसिभ है वो आचल तेरे सवार
अबथो आनाही पड़ेगा लेने तुजे, गोडे सवार
अखोमे चाहत तेरे नज़रोमे इकरार
कुशनसिभ है वो आचल तेरे सवार
अबथो आनाही पड़ेगा लेने तुजे, गोडे सवार
Wednesday, August 6, 2008
Shayari - 29
छाहथ थो हम केर्रहेहै कुच्भीथो सोचेबिना
अब करेभिथो क्या करे हम उनके यदोंके बिना
भूलेथोअब हम क्या क्या भूले ईसदिलको पूचेबिना
अब सोचेथो हमक्या सोचे एस दधक्नको सुनेबिना
अब करेभिथो क्या करे हम उनके यदोंके बिना
भूलेथोअब हम क्या क्या भूले ईसदिलको पूचेबिना
अब सोचेथो हमक्या सोचे एस दधक्नको सुनेबिना
Shayari - 28
क्या कभिसुना चंदा जले बादलसे
और बादल जले चंचल पवनों से
फिर थू कुय जलि वुन खली नयनोसे
थुथो है सुंदर केई चांदासे
और बादल जले चंचल पवनों से
फिर थू कुय जलि वुन खली नयनोसे
थुथो है सुंदर केई चांदासे
Shayari - 27
सुनाथा कभी नीलि अम्बर पर चंदा छायेगी
दर्पनभी किसीसे खबी न कभी शर्माएगी
शमाथो जलाईहै तुमने चहे या न चाहे
थस्विरथो बनायाहोगा किसिनेदिलमे, तुम मने यान माने!
दर्पनभी किसीसे खबी न कभी शर्माएगी
शमाथो जलाईहै तुमने चहे या न चाहे
थस्विरथो बनायाहोगा किसिनेदिलमे, तुम मने यान माने!
Tuesday, April 1, 2008
Shayari - 25
बार बार अते नही हम जैसे आशिक एस दुनियामे
पहचानो सनम खही खोन जये हम एस लम्भी डगारियामे
दिलकिसुनो तुम जमानापे मथजना मेरे जानेजाना
जरा सोचो, दिल थो उसकी धड़कन से करेगा क्या सौधना!
पहचानो सनम खही खोन जये हम एस लम्भी डगारियामे
दिलकिसुनो तुम जमानापे मथजना मेरे जानेजाना
जरा सोचो, दिल थो उसकी धड़कन से करेगा क्या सौधना!
Monday, March 31, 2008
Shayari - 24
खाली तेरी ज़ुल्फोसे पूछा केवो बदल है या बरहा
खुली तेरी नज़र से पूछा केवो जागे है या सोये
कह्गयेवो मुजे, थुजे कुः ख़बर चाहिये हमारी
क्या थुजे कमदंधा नहिहैं क्या, पिचेपडे तुम हमारी!
खुली तेरी नज़र से पूछा केवो जागे है या सोये
कह्गयेवो मुजे, थुजे कुः ख़बर चाहिये हमारी
क्या थुजे कमदंधा नहिहैं क्या, पिचेपडे तुम हमारी!
Shayari - 22
तुम्हारी आवाज़ लेगनेलगा कूव् अब अपना
क्या ये सच है केया सपना
दिलथो भूल चुकिथि एस्थ्ररह्से थडपना
अब्थो समजनेलगा ये दिल तुम्हे अपना!
क्या ये सच है केया सपना
दिलथो भूल चुकिथि एस्थ्ररह्से थडपना
अब्थो समजनेलगा ये दिल तुम्हे अपना!
Subscribe to:
Posts (Atom)