Wednesday, August 6, 2008

Shayari - 29

छाहथ थो हम केर्रहेहै कुच्भीथो सोचेबिना
अब करेभिथो क्या करे हम उनके यदोंके बिना
भूलेथोअब हम क्या क्या भूले ईसदिलको पूचेबिना
अब सोचेथो हमक्या सोचे एस दधक्नको सुनेबिना

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