Wednesday, September 10, 2008

Shayari - 30

आचल में मोथि तेरे होटोपे अंगार
अखोमे चाहत तेरे नज़रोमे इकरार
कुशनसिभ है वो आचल तेरे सवार
अबथो आनाही पड़ेगा लेने तुजे, गोडे सवार