छाहथ थो हम केर्रहेहै कुच्भीथो सोचेबिना
अब करेभिथो क्या करे हम उनके यदोंके बिना
भूलेथोअब हम क्या क्या भूले ईसदिलको पूचेबिना
अब सोचेथो हमक्या सोचे एस दधक्नको सुनेबिना
Wednesday, August 6, 2008
Shayari - 28
क्या कभिसुना चंदा जले बादलसे
और बादल जले चंचल पवनों से
फिर थू कुय जलि वुन खली नयनोसे
थुथो है सुंदर केई चांदासे
और बादल जले चंचल पवनों से
फिर थू कुय जलि वुन खली नयनोसे
थुथो है सुंदर केई चांदासे
Shayari - 27
सुनाथा कभी नीलि अम्बर पर चंदा छायेगी
दर्पनभी किसीसे खबी न कभी शर्माएगी
शमाथो जलाईहै तुमने चहे या न चाहे
थस्विरथो बनायाहोगा किसिनेदिलमे, तुम मने यान माने!
दर्पनभी किसीसे खबी न कभी शर्माएगी
शमाथो जलाईहै तुमने चहे या न चाहे
थस्विरथो बनायाहोगा किसिनेदिलमे, तुम मने यान माने!
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