Monday, March 31, 2008

Shayari - 15

दिल बार बार बेकरार होरहा है हमारे क्यु अँसे
दिलको करार अयेःथो कैसे, अगर आपका नज़र घावकरेथो अँसे
दिल कहता है के, चुराले तुम्हारे नज़र को तुमसे
दिल बेचारा थाड़प रहा है बचैनीमे अब कहेथो काया कहे तुमसे!

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